बाराती

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जे तरे बिना जर्दा के पान कौनो मानी नइखे राखत ओही तरे बिना बराती के शादी के कौनो मतलब ना हऽ। जइसे सारी जिनगी के एगो जरूरत होला ओही तरे बराती उ जरूरत के नाव होखेला। बाराती सादी के तन-मन-धन होला। कहे के मतलब इ बा के बराती तीनो तरे से लाभ उठावेला। बराती तीन कीसिम के होला। एगो जेकरा कार्ड आ हजाम भेज के बोलावल जाला। दूसर जे केहु के संगे लाग जाए आ तिसरका जे के अपने से एह लिए टपक पड़े के हो सकेला उनका कार्ड भेजल गइल होखे आ उनका ना मिलल होखे। एगो बाराती खाये-पिये के दृष्टि से तीन आदमी के बराबर हो सकेला। जबे एगो साधारण आदमी बाराती के रूप में आवे तऽ ओकरा से आदमियत खतम हो जाला आ तीन दिन के बाद आवेला। समधी जी दहेज बिटोरे जाले आ बाराती खाये जाला। लेकिन कुछ अइसन भी बात बाटे जेकरा छुपा के राखल जाला।

बाराती के दुल्हिन से का मतलब गोर होंखे चाहे करिया! जेकरा पाले पड़ी समझी! बारात में जाए के कईगो अर्थ होला। पहिलका बात तऽ ई बा के बारात में जाके आपन पाचन के ठीक करे के औरी दूसर काम एगो बढ़िया अवसर के खोजे के। औरी मतलब होला लेकिन ओके इहाँ बतावल जरूरी नइखे। हमरा इ जानकारी ना रहे बाकिर एक जगे हमहूँ बाराती बनके गइनी तऽ पता लागल! बारात के वापसी के समय रहे बस में सारा बाराती लोग अपना समान के साथ अपना-अपना जगे पर कब्जा जमा कर बइठल रहें! लड़की वाला लोग रोए-धोए वाला रसम निभावत रहे! केहू तरे जब सारा लड़की वाला लोग रो चूकल तऽ एगो नया मोसीबत सामने आ गइल! लड़की वाला के ओरी से भाँति-भाँति के आवाज आवे लागल! हमार दिल डूबे लागल! भगवान जाने आगे का होई। ”मालिक – बड़का दरी नइखे लउकत। भइया! फूल वाला चादर देखाइ नइखे पड़त। चाचा हो! कोठरिया में से वाल्टी, गीलास आ जग गाएब बा। एगो जोरदार आवाज आइल पकड़ो। बाकिर बस अइसन भागल के पकड़ा गइला पर का होई पता नइखे? हमरा दावा बा कि दुनिया क पहिलका मीनमेख निकाले वाला कौनो बाराती होखी। आलोचना के पहिलका शिकार लड़की वाला हियाँ के मौसम होला जे बस से उतरते-उतरते बाराती लोगन के चाय-पानी के जरूरत पड़ जाला। दूसरका शिकार इंतजाम करे वाला होखेला जे चद्दर आ तकिया के ठीक इंतजाम ना करे! तीसरका मार रसोई बनाए वाला पर पड़ेला जे तरकारी तऽ गला देला बाकिर रस कच्चा रह जाला।

आलोचना के नजर लड़का के बाप पर होला जे बस में चाय बीड़ी पान के इन्तजाम ना करे! अगर आलोचना ना होखे तऽ बूझी के बारात के रंग फीका पड़ जाए। राजनीती के कीड़ा भी बाराती के काटेला! आ कीड़ा लड़का के बाप के लिस्ट में उनका नाम ना होखे पर भी नाम लिखवा देला। भइया, बेटवा के शादी में हमरा के मत भूली हऽ! चाचा हो, हमरा लिए कौनो सेवा हो तऽ कहे से मत हीचकिचइहऽ। ए तरे के टालन वाक्य बा जे बाराती में आपन नाम लिखावे में मदद करेला। रउआ देखनी के बाराती एगो छोट शब्द होखेला पर भी अपना में एगो विराट मतलब छूपइले बा बाराती बनला में एकेगो नुकसान बा हऽ पाचन कभो-कभो गड़बड़ हो जाला ए लिए के दहेज के लेन-देन के असर भोजन पर खूब पड़ेला।

– मिर्जा खोंच

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