डॉ राधेश्याम केसरी जी के लिखल भोजपुरी कविता बा चुनाव क डंका बाजल
बा चुनाव क डंका बाजल, अब नेता अकुलाई।
हाथ जोड़ के सबका दुआरा, दउर-दउर उ जाई।
हमरा के उ आपन संगी, सबके उ समझाई।
सबका हित क...
डॉ राधेश्याम केसरी जी के लिखल भोजपुरी कविता दुनिया कइसे बा फेफियात
आइल गरीबी जिनिगी आफत, उनकर खाली लमहर बात।
सात समुन्दर, उनका घरवा ,
घी क अदहन रोज दियात।
हमरा घर में कीच- कांच बा,
नइखे घर में भूंसा-...
कइसन गांव-गिरांव हो गइल
कइसन गांव-गिरांव हो गइल
अजबे चलन सुभाव हो गइल।
गांव शहर में बदले लागल
सिमटे लागल खेतिहर धरती
जाने कहां बिलाये लागल
जंगल अउरी हरियर...
भोजपुरी भासा हऽ माई के
भोजपुरी भासा के अस्मिता आ ओकरा संवैधानिक दरजा खातिर आंदोलन जारी बा। एही सिलसिला में केंद्र सरकार से अपना हक के मांग करत भोजपुरिया...
भोजपुरी कविता जब से रोटी बोर खवायल
जब से रोटी बोर खवायल
ओठलाली खूबै महंगायल
अब का आलू खेत बोआई
सबही चोखा से भरुआयल।
रोटी भात न खाये अईली
ओरहन बा मउगी के आयल
का चाहत बा...
कइसे काम चलइहें मालिक ?
घरे - दुआरे सगरों शोर
बनवा नाहीं नाचल मोर
कइसे काम चलइहें मालिक ॥
हेरत हेरत हारल आँख
केकर कहवाँ टूटल पांख
सात पुहुत के बनल बेवस्था
अब कइसे बतइहें...
हमार बनारस
लिट्टी,चोखा भयल नदारत
पिज्जा,बरगर खाय बनारस।
टीका,रोरी,धोती,कुरता
कय देहलस इनकार बनारस।
अपनें रंगत से लागत अब
होखत बाटै दुर बनारस।
बहा के नाला गंगा में
अईंठत गईंठत बाय बनारस।
महादेव के अभिनन्दन...
उधार खाइले
खूब ले के ढे़कार खाइले।
ढ़ेर जगे हम उधार खाइले।।
एगो मरदाना तू हे नइ खऽ जी।
हमहूँ बेलना से मार खाइले।।
हम जे खानी ऊ घूस ना...
इतिहास
नइखे नईका बा बहुते पुरान
ई भोजपुरियन के सब इतिहास
इतिहास के सँउसे पृष्ठ पर
भरल बा ख्याति भोजपुरियन के
सिद्ध नाथ के वाणी में
भरल बा दर्शन सब
कबीर,...
कहनी गढ़त मनई
कहनी गढ़त मनई
छरका से सार ले दुआर
घूरे तक बहारत,
झंखत
जिनगी में लागल उढुक से
उठ के संभरे में ढमिलात
हिरिस से मातल मनई |
गुरखुल के दरद
बंहटियावत
नादी में...
हम बुझिले
हम देखिले
हम सुनीले
हम बुझिले
हम समझिले,
आपन गउँआ, आपन नगरिया
लोगवा काहे छोड़$ता,
सहर से नाता जोड़त जोड़त
अंगना काहे भोरऽता।
हम सहिले
हम भोगीले
हम जीहिले
हम मरीले,
समय बेचके पइसा खातिर्
घर छोड़के...
पतोह का निबाही
का ए बूढा
काहें चिचियात बाडू
हाली काहे ना
ओरात बाडू
तोहार सेवा कईल
पहाड़ भईल
कवनो काम काज करहीं के नइखे
भर दिन नाट फार के गोहरावा
केहू ना सुनी /तोहर...
छनही तोला, छनही माशा
कइसन कइसन चलल तमाशा
छनही तोला, छनही माशा ||
अगराइल लीहले उ तिरंगा
दिल करिया बारे मन न चंगा...
छपरा दहात बा
गिरत नइखे बुनी फसल सुखात बा,
गंगा जी के पानी से छपरा दहात बा।
राहत आ बचाव कार्य फाइले में जारी बा,
प्रशासनिक व्यवस्था कहे लोग भारी...
भोजपुरीया बानी हमनी के
भोजपुरिया बानी हमनी के,
बता दी ई बात सभनी के।
राजेन्द्र प्रसाद शान हउवें,
रखले बीर कुंवर सिंह मान हउवें,
जय प्रकाश नारायण जान हउवें।
भोजपुरिया बानी हमनी के,
बता...
महकता
महकता हीरो,गीतकार आ गवइया लोग,
बडुवे घिनाइल सुनेवाला देखवइया लोग।
कके अदाकारी शान भाषा के बढ़ाव तारें,
रफ टफ हॉट सिन ओपेन फिल्माव तारें।
लिखतारें गजबे कहानी ...
जिन्गी तराजु हऊवे
जिन्गी तराजु हऊवे, सुख दुःख जोखेला।
सुखवेके जेतना प्यार, एके दुखवोसे होखेला।
कबहु एने कबहु वोने पलडा झुले।
कबहु लागे बन्धु डण्डीयाँके तुरे।।
हँसीके फुही फाही ,गमके सागर...
माई के अंचरा मे
लुकाके देख अंचरामे, माई के बबुवाँ पजरामे।
मिलेला सकून केतना, माई के बोली डटलामे।।
माईके ममता का जानी, जे बोतलके दुध पियले बा।
बिना माईके छत्रछाँव मे,...
केंवार बंद करके
केंवार बंद करके
सब केहु राखेला
ना केहु आओ, ना अपने जाएके
कबो कुछ भईल
त खाली मोका में
मुड़ी निकाल झाकेला
जईसे एगो पीसाच बा बईठल
हाँथे लेहले...
का लाल : भोजपुरी कविता
नागार्जुन के मैथिली कविता की लाल? की लाल? के भोजपुरी अनुवाद
का लाल? का लाल?
अड़हूल के फुल लाल !
आरती के पात लाल !
तिरकोल के फल...