भोजपुरी कविता

भोजपुरी लेखक सभ के भेजल एक से एक भोजपुरी कविता के संग्रह कइल गइल बा। अगर रउवा येह पेज के पढ़ रहल बानी त रउवा सब से निहोरा बा की आपन रचना जोगीरा के जरूर भेजी, हमनी के बड़ी खुसी मिली राउर रचना अपना वेबसाइट प जोड़ के।

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श्वेताभ रंजन

मन काँव-काँव करके बोलावेला

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काल आँगन के कोन से उ बोलवत रहे काँव-काँव करके आवाज़ लगावत रहे सर्दी के काली रात से सूरज निकल के ओस के समंदर...
अनिमेष कुमार वर्मा

ढेर दिन हो गइल

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ढेर दिन हो गइल बिना एलार्म के नींद खोलाइल सबेरे उठ के दुअरा बइठ के चाह पिअल, अखबार पढ़ाईल ढेर दिन हो गइल, बिना बतावले केहु के, घरे जाईल बिना...
श्वेताभ रंजन

काहे ना रोज मनावल जाव: भोजपुरी गीत

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काहे ना रोज मनावल जाव भोजपुरी गीत गावल जाव हर दिन उत्सव हर पल उल्लास काहे ना रोज मनावल जाव भोजपुरी गीत गावल जाव अँगुरी पकर के खेत तर बचपन के...
सुधीर पाण्डेय

दूभ

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पूस मे ओस की बूंदों से लदफद , पूनम से नहा , केस सुखाने को | निहारती घने कोहरे मे , एकटक , नभ मे दिखते ,...
सुधीर पाण्डेय

आन्हर

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अपना मर्जी से , खुश होके , सुविधा से , सगरों अत्याचार देखल , बिना दुबिधा के | चऊक पर के चरचा , पंचायती सुनल , निमन...
प्रभास मिश्र

मनवा कईसे लागी

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ललना गईले ममहरवा मनवा कईसे लागी हो ..२ भोरे से राती ले रहले ऊहो आंखि के सोझा एको पहरा छोड़नी नाहीं बिनका उनके लेहले कोरा ललना गईले ममहरवा मनवा कईसे लागी...
भोजपुरी कविता: पटरी ना खाई

भोजपुरी कविता: पटरी ना खाई

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डॉ जीतराम पाठक जी के एगो कविता ********************************** पटरी ना खाई ********************************** अरुआइल बा बात तहार, हटाव फरका, ले अइब एने अब त पटरी ना खाई चूरी-...
जनकवि दुर्गेन्द्र अकारी

अब ना करे मोर मनवा करे के मजूरी

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जनकवि दुर्गेन्द्र अकारी के एगो कविता अब ना करे मोर मनवा करे के मजूरी भोरे जमींदरवा दरवा पियादा पेठावे कान्ह्वा प हरवा कुदारी चढ़ावे कतनो खटीला,...
फेरु बयरिया डोले लागी

फेरु बयरिया डोले लागी – श्रद्धानन्द पाण्डेय

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फेरु बयरिया डोले लागी ! फेरु भले अॅधियार गइल बा, दुर्वह मन के भार भइल बा ; जँहवाँ ले लउकत बाटे करिया सगरे संसार भइल बा। लाल किरिनिया झाँकी,...
फेरु बयरिया डोले लागी - श्रद्धानन्द पाण्डेय

हमेशा रहल नेह दियना बुताइल

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हमेशा रहल नेह दियना बुताइल, जिनिगिया ई अबले अन्हारे में बीतल। हिया में रहल पीर अँखियनि में पानी, न जियरा के केहू सकल सुनि कहानी, न ओठनि प...
बुद्धायन

बुद्धायन

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बन्दौ शाक्य कुमार, जाहि जन्म संवाद सुनि। उमड़ल हर्ष अपार, शुद्धोदन सम्राट उर ॥ 1 ॥ कीन्ह दान परमार्थ, अन्न, वस्त्र, धन, सोमरस। नामकरण सिद्धार्थ, गौतम घर-परिवार...
Bhojpuri Kavita e pyar jindgi ke

ई प्यार जिन्दगी के

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ई प्यार जिन्दगी के कतना मधुर भला बा मनुहार जिन्दगी के सौरभ भरल दिशा बा ई चाँदनी निशा बा उमगल उमंग से बा ई धार जिन्दगी के ई जिन्दगी समर्पण कतना पवित्र...
भोजपुरी कविता : पडोसी

भोजपुरी कविता : पडोसी

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दुःख: के दरियाव में जे बनत रहे पतवार खेवनिहार आजू का भइल ओह बेवहार में बुझाते नइखे हमार पडोसी अब चिन्हाते नइखे लागत बा...
भोजपुरी के कविता "हँसी"

भोजपुरी के कविता “हँसी”

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हँसल नीक ह दवाई ह ना जानी जे केतना बेमारी हंसले से ठीक हो जाला जैसे सुरुज के हंसले भाग जाला अंधरिया चनरमा के हंसले फइल जाला अंजोरिया तना जाला रेशमी चादर...

हमहुँ सम्मानित होखब

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मिर्जा खोंच के एगो भोजपुरी व्यंग्य "हमहुँ सम्मानित होखब" कविता में हम छींकब सगरो कविता में हम खोंखब लाग रहल बा तब जाके हमहूँ सम्मानित...

नाम चम्पवा खुशबु के पते ना

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नाम चम्पवा खुशबु के पते ना .... ढेर बा लोग अइसन आन्हर चारु ओरि छितराइल चेला चमचा बा ढेर उनका पीछे बोटरालइल जे उ बोली...

चंदा

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चंदा चंदा चंदा कवनो लइकी के नाम ह चंदा त कबहीं आकाश के पिंड ह चंदा बाकिर आज चंदा के ई दुनु अरथ बदल गइल बा अब चंदा के...

इतराइल बा

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उ ओतने में इतराइल बा पीएच- डी कर के आइल बा हम साँच बात जे कह देनी ऊ हमरा से खिसिआइल बा भऊजइया ...

भोजपुरी कविता – गरमी

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गरमी बेसरमी ह निदरदी ह सुखा देला / ताल तलैया के पानी हरियाली के निसानी फुलवान के जवानी बादल के कहानी / चोरा ले ला / कहीं ना लउके ला...

आपन नजर काहे तु

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आपन नजर काहे तु दुनीयाँ मे झुकइले बारु हमसे मुहब्बत के बात सबसे छुपइले बारु बड़ा दुख भइल तहार रहनीया देख के बड़ा दीन बाद करेजा पर...