भोजपुरी साहित्य

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विद्या शंकर विद्यार्थी जी

विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल दू गो भोजपुरी गजल

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आई पढ़ल जाव विद्या शंकर विद्यार्थी जी के लिखल दू गो भोजपुरी गजल, पढ़ीं आ आपन राय बताइ कि रउवा इ भोजपुरी गजल कइसन...
संगीत सुभाष जी

संगीत सुभाष जी के लिखल भोजपुरी व्यंग्य कुक्रांद

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आई पढ़ल जाव संगीत सुभाष जी के लिखल एगो बेहतरीन भोजपुरी व्यंग्य कुक्रांद, पढ़ीं आ आपन राय बताइ कि रउवा इ भोजपुरी व्यंग्य कुक्रांद...
शिप्रा मिश्रा स्वर्णिम जी

भोजपुरी कहानी अन्हरिया में अंजोरिया : शिप्रा स्वर्णिम जी

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आई पढ़ल जाव शिप्रा मिश्रा स्वर्णिम जी के लिखल भोजपुरी कहानी अन्हरिया में अंजोरिया केतना दिन जमाना के बाद आज ए पेड़ा से सुरसती के...
शिप्रा मिश्रा स्वर्णिम जी

अछर-अछर जोत जरे : शिप्रा मिश्रा स्वर्णिम

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आई पढ़ल जाव शिप्रा मिश्रा स्वर्णिम जी के लिखल भोजपुरी कहानी अछर-अछर जोत जरे कहिये से मरछिया छौ-छौ पाती रोअतीया। अबेर हो ग‌ईल।घास गढ़े ना...
सन्तोष पटेल जी

अपने देसवा नीक बा : संतोष पटेल जी

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ए भाई ! ए भाई ! शमीम भाई के घर कवन ह? - डाकपिउन चिकटोली चौक खड़ा हारून से पुछले। केकर घर के पता पूछत बाड़...
विवेक सिंह जी

विवेक सिंह जी के लिखल भोजपुरी कविता

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बसंत के नशा गजब के नशा छा गईल बा ! ई बसंत जहीया से आगईल बा !! !! आपन-मन-अपने अगराईल ! कबो बधार त कबो बगईचा घुम आईल...
डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना जी

डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना जी के लिखल जाड़ा गीत

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जाड़ा भइल जवान, देह अँईंठत आइल बासभनी के कँपकँपी धरा के, अगराइल बा। बबुआ, लागे घाम,चले ठुमकत अँगना मेंझाँके रहि रहि रुप,छोट दिन के ऐना...
सन्तोष पटेल जी

संतोष पटेल जी के लिखल भोजपुरी कहानी कांच कोइन

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इहाँ हमरा से बड़का हीरो कवनो बा का ? हम अभिये चाहीं त निमन निमन जाने के ठीक कर दी -- किसुन दारु पि...
विवेक सिंह जी

विवेक सिंह जी के लिखल भोजपुरी कहानी रसपान

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जिनिगी के सभसे मधुर इयाद साइद बचपने के होला। लरिकाईं के कुछ मीठ स्मृति के असर अइसन गहिरोर होला कि ताउम्र अदिमी ओकर अहसास...
दीपक तिवारी जी

दीपक तिवारी जी के लिखल दू गो रचना

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लागेला निमन मीठ भाषा भोजपुरी, चाँहे केहूँ कहि रहे बुझाला नाही दूरी। गाँव से लेके शहर ले, भीतर से लेके बहर ले चहुँ ओर दिशा में शोर रहे, दुपहरियाँ...
धनंजय तिवारी जी

धनंजय तिवारी जी के लिखल भोजपुरी कहानी अगुआ

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“गाव सभी सखिया अगुआ के स्वागत में गारी” माइक पर जैसे ही इ गाना गूजल मामा के चेहरा पर लाली आ गईल। फिर माइक...
विवेक सिंह जी

विवेक सिंह जी के लिखल भोजपुरी कहानी चौपाल

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चईत के महीना मे जब हर प्रकार के पेड़, पौधा के फूल, फल के अकार धरेला, तबे खेत से फसल कट के खलिहान के...
लोककलाकार भिखारी ठाकुर जी

लोककलाकार भिखारी ठाकुर जी के प्रतिनिधि रचना : बेटी विलाप

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गिरिजा-कुमार!, करऽ दुखवा हमार पार, ढर-ढर ढरकत बा लोर मोर हो बाबूजी। पढल-गुनल भूलि गइल,समदल भेंड़ा भइल, सउदा बेसाहे में ठगइल हो बाबूजी। केइ अइसन जादू कइल, पागल...
विनोद भोजपुरीया जी

विनोद भोजपुरीया जी के लिखल दू गो गाना

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जिनगी के सपना सगहि सजावेली।। दिनभर हसेली हमके हॉसावेली ।। होखेला हमनी भले तकरार हो ।। हमार बेलना वाली हमरे से करेली प्यार हो।। भुखाइल-पियासल जब घरवा आइले...
अमरेन्द्र जी

अमरेन्द्र जी के लिखल घसगढ़ी के पढ़ाई | एगो हास व्यंग

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हम का हईं। अभी हमरे खुद पाता नइखे। तबो हम अपना के बिदवान से उपर ना,त नीचहूं ना बुझीं। इसकुल चलाइना, ठठ्ठे बात नइखे,बुझनी। हमरा खुदसर के...
विवेक सिंह जी

विवेक सिंह जी के लिखल भोजपुरी कहानी रत्नसागर

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अइसन सायद केहु होइ जे अपना गाँव के याद ना करत होइ। चाहे उ देश मे हो या बिदेश में, हर इंसान के आपन...
रवि सिंह जी

रवि सिंह जी के लिखल भोजपुरी कहानी कन्यादान के अधिकार

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पूरा बीस साल बाद मंजू आपन बेटी शिवानी के लेके गाँवे आईल रहली।घर के कोना-कोना से उनकर ईयाद जुडल रहे। आँगना,दुवार,तुलसी-चौड़ा,ईनार,निम के गाछ सब...
कवि ह्रदयानन्द विशाल जी

कवि ह्रदयानन्द विशाल जी के लिखल कुछ भोजपुरी कविता

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ब्यास + गायक ए दुनू जाना मे अंतर होला जे कथा कहानी गावेला उ ब्यास गिनती मे आवेला जे खाली गाना गावेला सभे गायक ओके बतावेला हम मानतानी की कुछ...
रवि सिंह जी

रवि सिंह जी के लिखल भोजपुरी कहानी छत के घर

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केदार बाबा आ बलिराम बाबा अपना समय के नामी भूमिहार (भूंजार) रहे लोग। बियाह के बाद बड़ा शान से खूब निमन खापरापोश वाला घर...
अविनाश मिश्रा जी

अविनाश मिश्रा जी के दुगो रचना

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राज दिल के सुना दीं त काहें कहअ, हाल आपन बता दीं त काहें कहअ. बात के द लुकाए, बा जेइसन जहाँ बात सबके बताईं , त...