भोजपुरी साहित्य

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प्रिंस ऋतुराज दुबे

प्रिंस रितुराज दुबे जी के लिखल भोजपुरी कविता भारत से इंडिया ले

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जवन भारत सभ्यता आ संस्कृति कऽ केंद्र होत रहे आज उऽ फूहर इंडिया हो गईल बा | जेकरा के मर्यादा आ सुनरता के जननी बुझल जात...

आकाश कुशवाहा जी के लिखल भोजपुरी कहानी मदारी

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आज कचहरी के दिन रहल, सबेरे के निकलल साँझ के घरे अइला के अब त आदत बन गइल रहल इंजीनियर रामबाबू के। दुआरी पर उनकर...
एगो जिनगानी

एगो जिनगानी

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कबो सुख त कबो, परेशानी से गुजरल कबो आग त कबो, पानी से गुजरल कबो लड़िर्काइं त कबो,जवानी से गुजरल एगो जिनगानी, केतना कहानी से गुजरल। कबो काम...
संत सिरोमनी जोगीराज देवरहा बाबा

संत सिरोमनी जोगीराज देवरहा बाबा

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देवरहा बाबा के नाव सुनते सिर अपनी आपे सरधा-सनमान से झुकि जाला। देवरहा बाबा महान संत रहनीं। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला त धनि...
लाल बिहारी लाल जी

लाल बिहारी लाल जी के लिखल भोजपुरी गीत तीन शब्दन के जाल में

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छुपके-छुपा के आँख से आंसू बहाइले केतनो भूलाये चाहीं, पर ना भुलाइले छुपके–छुपा के आँख से आँसू........... कइले रह तू वादा, साSथ निभावे के पल-पल संगे साथे, खुशियाँ...
सुजीत सिंह

सुजीत सिंह जी के लिखल तीन गो भोजपुरी कविता

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बाह रे जमाना... बाह रे जमाना इ त, हद हो गइल। मेहरारू के आगे माई, रदद् हो गइल।। छोह मउगी से प्यार, माई पावे दुत्कार। माई बाटे मोहताज, मेहर मुरीया के ताज। ममतामयी...
सरोज सिंह

सरोज सिंह जी के लिखल भोजपुरी लघु कथा नवका च्चा

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आज बाबूजी गीता के स्कूल से छुट्टी करा के के गांवे ले जाए के तैयारी में जुट गईलन ..पुछला पर कि,'काहें बाबूजी, हमनिका काहें...
सतीश प्रसाद सिन्हा

सतीश प्रसाद सिन्हा जी के लिखल एगो भोजपुरी गजल

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ना जिये दी, ना मरे दी, याद हमरा के दम कबो नाहीं धरे दी, याद हमरा के दिल घवाहिल हो गइल बा चोट खा-खा के...
डाॅ पवन कुमार

समाज के कोढ़ डाइन-प्रथा पर एगो भोजपुरी गीत

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कवने कसूरवा रामा भइले दुरगतिया मोरा लोगवा डइनिया कहि के बोलावेला रे ना।। एक तऽ बिपत पड़ल धियवा-भतार मरल दोसरे कलंकवा मथवा मढ़ाएल रे ना।। निकलीले घर से,लोगवा...
डाॅ पवन कुमार

भोजपुरी गीत डाॅ पवन कुमार जी के लिखल

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बिधना कइसे के मतिया मरा गइले अब तऽ घरही में पियवा भुला गइले। पढ़ल-लिखल पिया बाड़े बिदमान हो बइठल बेकार बाड़े नाहीं कवनो काम हो हमरा मनवा के...
डाॅ पवन कुमार

डाॅ पवन कुमार जी के लिखल एगो भोजपुरी लहरा

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धीरे धीरे ना हो धीरे धीरे ना हो धीरे धीरे ना बीतल जाला हो समइया भइया धीरे धीरे ना। नव रे महीनवा गरभिया में बीतेला, दुई...
डाॅ पवन कुमार जी के लिखल भोजपुरी गीत

डाॅ पवन कुमार जी के लिखल भोजपुरी गीत

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पियबे करे ना हो पियबे करे ना हो पियबे करे ना तनिको बूझे नाहिं बतिया पियवा पियबे करे ना। सुनली कि बंद भइले दारू के बिकीरिया सोचली...
कन्हैया प्रसाद तिवारी रसिक

कन्हैया प्रसाद तिवारी जी के लिखल बुझात नइखे हमरा कि का लिखीं

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क से लिखीं कइसन हाल बा जमाना के ख से लिखीं खुशी के पैमाना के ग से लिखीं गवनई प्यार के घ से लिखीं घर...
कन्हैया प्रसाद तिवारी जी के लिखल एगो गरीब के बिटिया के दर्द

कन्हैया प्रसाद तिवारी जी के लिखल एगो गरीब के बिटिया के दर्द

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का कहीं सुन्दर सुहाना सेज सूना रह गइल दिल के बतिया दर्द बन अँखिया के राहे बह गइल जन्म से जहमत रहीं हम जश्न ना...
सुनील कुमार तंग जी के लिखल भोजपुरी ग़ज़ल

सुनील कुमार तंग जी के लिखल भोजपुरी ग़ज़ल

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केकर - केकर नांव गिनाईं, केकर नांव धरीं अस मन करे कि कतहूॅ जाके कुआं में कूद परीं ।। आपन लाश उठवले बानी अपने कान्हा हम जीयत...
योगेन्द्र शर्मा "योगी"

भोजपुरी कविता ससुरारी के दाना खइले

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ससुरारी के दाना खइले एक जमाना बीत गयल जब से साली गईल बियह के आना-जाना छुट गयल। मनवा होखे देख के चोहर साली जब भईल लड़कोहर बईठ टवेरा घुमब केह...
जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

कवने ओरियाँ

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पीरितिया के कइसे जोगाईं जोगी जी । कवने ओरियाँ मुहवाँ छिपाईं जोगी जी ॥ बयरी बनल बाटें पुलिस दरोगवा अचके मे बढ़ल जाता प्रेम रोगवा घरी घरी देवता...
डॉ राधेश्याम केसरी जी के लिखल भोजपुरी कविता प्रदूषण क मार

डॉ राधेश्याम केसरी जी के लिखल भोजपुरी कविता प्रदूषण क मार

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पेड़ कटाईल धुंआधार, धुँआ-धक्कड़ भइल अन्हार, जड़ में जहर घोलाइल जाता, सुतल मनई अब त जाग। माधो क माटी से ममता, माटी क उपजाऊ छमता, रसायन से...
डॉ राधेश्याम केसरी

डॉ राधेश्याम केसरी जी के लिखल भोजपुरी कविता आइल गरमी

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सूरज खड़ा कपारे आइल, गर्मी में मनवा अकुलाइल। दुपहरिया में छाता तनले, बबूर खड़े सीवान। टहनी, टहनी बया चिरईया, डल्ले रहे मचान। उ बबूर के तरवां मनई,...
डॉ राधेश्याम केसरी

डॉ राधेश्याम केसरी जी के लिखल भोजपुरी कविता बा चुनाव क डंका बाजल

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बा चुनाव क डंका बाजल, अब नेता अकुलाई। हाथ जोड़ के सबका दुआरा, दउर-दउर उ जाई। हमरा के उ आपन संगी, सबके उ समझाई। सबका हित क...