भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता खातिर धरना प्रदर्शन आयोजित भइल

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भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता के मांग के ले के दिल्ली के जंतर मंतर पर भोजपुरी जन जागरण अभियान के अगुआई मे एकदिना धरनाके अयोजन भइल। अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित एह धरना मे देशभर से भोजपुरी भाषा-भाषी के लोग शामिल भइल

धरना का नेता रहस भोजपुरी जन जागरण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष पटेल। आज भोजपुरी भाषा के बोले वाला के संख्या सगरी दुनिया में 25 करोड़से उपर बा। ई भाषा खाली भारत के बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड, छतिसगढ़, मध्यप्रदेश आदि राज्यों मेंना बल्कि भारत के बाहर करीब चौदह गो देश में बोलल जाला। एतना समृद्धशाली भाषा केदेश के बाहर कई गो देश में संवैधानिक मान्यता मिलल बा। पर दुख ई बात के बा कि भोजपुरी अपने देश में अपने ही लोगके बीच अपना हक खातिर लड़ाई लड़ रहल बा। बिहार के कई गो सांसद एवं दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी भी संसद मेंएकर मांग कई बेर उठा चुकल बारे तबहु सरकार ध्यान नइखे देत। एसे पहिले भी भोजपुरी जन जागरण अभियान के बैनर तले पांच बेर धरना जंतर-मंतर पर आयोजित कर चुकल बा। धरना के सबलता देवे खातिर जनता दल (यू.) के राजसभा सांसद अली अनवर अइले आ कहले कि हम संसद में और संसद के बाहर हमेशा मांग उठाते बानी।कहले कि जइसे अटल जी के सरकार में मैथिली के दर्जा मिलल रहे वइसही एह सरकार के भी भोजपुरी के दर्जा देवे के चाही। अगर सीधे अंगूली से घी ना निकले त अंगूरी टेढ करे के चाही।

डा० शत्रुघ्न कुमार कहले कि भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता सरकार जल्दी देवे आ करोड़ो भोजपुरियों के सम्मान करें। आपन बात रखले भोजपुरी पत्रिका पाती के संपादक अशोक द्विवेदी, भोजपुरी सामाज के अध्यक्ष अजीत दुबे भी। बिहार छपरा से आएल कवि मुंगालाल शास्त्री ने सरकार सेमांग कइले कि एकरा के जल्दी संविधान में सामिल करे। भोजपुरीजन जगरण अभियान के महामंत्री अभिषेक भोजपुरिया कहले कि सरकार हर बेर सत्र आ चुनाव से पहलेभोजपुरी के दर्जा देवे के वादा क के भूला जाता। हमनी के साथ खेलवाड़ करत बा। झारखंड से संयोजक राजेश भोजपुरिया, रंगकर्मी सरिता साज, कोलकाता से प्रकाश कुमार, कुन्दन सिंह, बी एन पाण्डेय, उमेश प्रजापति, प्रमेन्द्र सिंह, मो० नाजीर।

भोजपुरीके लोकप्रिय गीतकार आ लाल कला मंच के सचिव लालबिहारी लाल कहले कि भोजपुरी पहुँच गइल बा संसद के द्वार। देखी अब भागिरथ के लाल करे इंतजार। एह धरना के अध्यक्षता कइले डा० गोरख प्रसाद मस्ताना आ कहले कि सरकार के चाहीं कि भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता दे के पच्चीस करोड़ लोगों के भावनाओं के सम्मान करे के चाही। एह धरना में प्रमोद पुरी, भाई बी के सिंह, विनोद कुमार गिरी, अंजली गहलौत, धनंजय कुमार सिंह, अनुज कुमार तिवारी, गणेश कुमार सिंह, जे.पी.दिवेदी सहित देशके विभिन्न क्षेत्रों से करीब सैकड़ों भोजपुरी भाषा–भाषी प्रेमी शामिल हुए।

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