भोजपुरी भाषा के संवैधानिक मान्यता के लिए पांचवा महाजुटान दिल्ली में

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15 नवम्बर 2016 को “भोजपुरी जन जागरण अभियान” के तत्वावधान में भोजपुरी भाषा को भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष पटेल के नेतृत्व में दिल्ली के जंतर मंतर पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है।

विदित हो कि भोजपुरी भाषा को बोलने वालों की संख्या पुरे विश्व में 25 करोड़ से उपर है। यह भाषा सिर्फ भारत के बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड, छतिसगढ़, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में ही नही बल्कि भारत के बाहर करीब चौदह देशों में बोली जाती है। इतनी समृद्धिशाली भाषा को देश के बाहर कई देशों में संवैधानिक मान्यता प्राप्त है। परन्तु यह दुख की बात है कि भोजपुरी अपने ही देश में अपने ही लोगों के बीच अपना हक नही ले पा रही है। विगत लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के साथ साथ बिहार के कई सांसद और केन्द्र में मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुशील कुमार मोदी समेत कई नेताओं ने यह वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनी तो भोजपुरी संविधान में शामिल होगी। पर सरकार बने अब दो साल हो गये है फिर भी यह सरकार भोजपुरी के प्रति अपनी मनसा स्पष्ट नही कर पा रही है। चुनाव पूर्व किया वादा जुमला बनते जा रहा है।

बताते चलें कि भोजपुरी भाषा मान्यता आंदोलन “भोजपुरी जन जागरण अभियान” देश भर मे भोजपुरी को संविधान में शामिल कराने हेतु संघर्ष कर रहा है तथा साहित्य एवं संस्कृति को सहेजने का काम कर रहा है। इससे पहले “भोजपुरी जन जागरण अभियान” के बैनर तले 6 अगस्त 2015, 10 दिसम्बर 2015 को भी धरना प्रदर्शन हो चुका है। सरकार के कई सांसदों ने तब कहा था कि भोजपुरी भाषी लोग अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के दिन अपने मातृ भाषा भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा मिलने की खुशी मनाएँगे। पर अफसोस कि उन सांसदों का वादा भी पुरा नही हो पाया।इसको लेकर तीधरना प्रदर्शन को हुआ था ।

भोजपुरी जन जागरण अभियान के राष्ट्रीय संयोजक राजेश भोजपुरिया ने आगामी 4 दिसम्बर 2016 को होने वाले पांचवा धरना प्रदर्शन में भोजपुरी के सम्मान के लिये इस धरना प्रदर्शन में देश भर से भोजपुरी भाषा-भाषियों को शामिल होने के लिए अपील किया हैं। इस विशाल धरना प्रदर्शन में उत्तरप्रदेश, असम, चम्पारण, बिहार, छत्तीसगढ़, पूर्वांचल, झारखंड , मध्यप्रदेश, मुम्बई, कोलकाता के अलावा देश के अन्य जगहों से भोजपुरी प्रेमी, साहित्यकार, रंगकर्मी, गायक कलाकार, भोजपुरी संस्था के प्रतिनिधि, पत्रकार, समाजसेवी लोगों का जुटान होगा।

पिछले कुछ धरना प्रदर्शन कि तस्वीरे

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