घर टोला गावँ : भोजपुरी उपन्यास

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भोजपुरी उपन्यास घर टोला गावँ के लेखक की ओर से

भोजपुरी उपन्यास घर टोला गावँ के कथा के एगो छोट अंश आ एगो छोट पहलु एह उपन्यास में बन्हा सकल बा। पूरा कथा उतारे खातिर साइत अइसन पाँच गो उपन्यास आउर लिखे के पड़ी। आ तेहु प साइत कथा पूरा ना होई। अच्छा त भइल रहित कि बड़हन कैनवास पर घर टोला गावँ के पूरा कथा समेट के एगो बड़हन उपन्यास लिखाइल रहित। बाकिर एह बुढ़ापा में हमारा से सँपर साकित, अइसन विश्वास हमरा ना भइल। एहि से, एह उपन्यास के कैनवास हम छोटे रखनी।

आ इहो जे भइल से बहुत भइल। अब अइसनको एकहु आउर उपन्यास लिखल हमारा से सँपर सकी; एकर उमेद हमरा नइखे। साइत अगिला पीढ़ी ई काम पूरा करे। आगे का हो सकीं, के जानत बा। के जानत बा कि केकरा हाथे, कब, कवन आ कईसन काम पूरा करावल प्रभु के मंजूर बा।

धयान दी : ई उपन्यास १५ मई, १९ ७९ के लेखक के पहचतरवां जन्म दिन पर प्रकशित भइल रहे

घर टोला गावँ : भोजपुरी उपन्यास
लेखक : पाण्डेय जगन्नाथ प्रसाद सिंह
पहिला संस्करण : १९८४

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