50+ भोजपुरी मुहावरा : छठवाँ भाग

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मुहावरा अइसन शब्द समूह होला जेकर अर्थ वाक्य में प्रयोग कइले पर स्प्ष्ट होला। मुहावरा मुँह + आव + रह तीन गो शब्दन के मेल ह जवना के अर्थ होला मुह + चमक + राह अर्थात् मुँह से निकलल चमकदार शब्द। अइसे एकर उत्पत्ति अरबी के ‘मोहावरा’ शब्द से भइल बा।

इहवाँ कुछ भोजपुरी मुहावरा के अर्थ का संगे-संगे प्रयोग बतावल गइल बा। एह से आसानी से समझल जा सके।

  1. अँचरा पसारल (दया के भीख माँगल) – माई अपना बेटा के जिनगी खातिर सगरो आँचर पसरली।

    भोजपुरी मुहावरा : छठवाँ भाग
    भोजपुरी मुहावरा : छठवाँ भाग
  2. अंगार बरसल (बहुत गरमी परल) – आज दुपहर में अंगार बरसत रहे।
  3. अंगूठा देखावल (धोखा दिहल) – आपन काम निकल गइला पर मोहन अंगूठा दिखा दिलहस।
  4. आँख खुलल (ज्ञान भइल) – ठोकर लगला पर आँख खुलेला।
  5. आग बबूला भइल (खूब क्रोधित भइल) – भाई के हत्यारा के देखते रामू आग बबूला हो गइले।
  6. आँख लागल (नींद आइल) – पढ़ते-पढ़ते आँख लाग गइल।
  7. आंटा दाल के भाव मालूम भइल (कठिनाई के पता चलल) – जब विजय के नौकरी छूटल त आंटा दाल के भाव मालूम भइल
  8. आपन गोड़ पर कुल्हाड़ी मारल (अपने से खतरा मोल लिहल) – दुश्मन के घर में राखल अपना गोड़ में कुल्हाड़ी मारल ह।
  9. आग में घीव डालल (क्रोध भड़कावल) – भाई-भाई का झगड़ा में पड़ोसिया बीच में बोल के आग में घीव डाल दिहलस।
  10. उल्टा साँस चलल (मरे-मरे भइल) – हम पहुँचनी त दादा जी के उल्टा साँस चलत रहे।
  11. आज काल्ह कइल – टाल-मटोल कइल – बैंक में गइला पर कर्जा देवे में रोज आज काल्ह करेला।
  12. आपन गोड़ पर खड़ा भइल (आत्म निर्भर भइल) – आपन गोड़ पर खड़ा भइले पर बियाह करे के चाहीं।
  13. आँत कुलकुलाइल (खूब भूख लागल) – दू दिन से अन्न दाना ना मिलला पर आंत कुलकुलाए लागला
  14. आँख में धूर झोंकल (धोखा दिहल) – गोलू झूठे किताब खोल के आँख में धूर झोंकत रहे।
  15. औंधे मुँह गिरल (धोखा खाइल) – जुआ में हारला पर गणेश औंधे मुँह गिरलें।
  16. कचरम कूट कइल (भोज में खूब खाइल, मजा उठावल) – सनी के बिआह में खूब कचरम कूट भइल
  17. कलई खुलल (भेद खुलल) – सेंध पर धरइला पर उनकर कलई खुल गइल।
  18. कान ना दिहल (ध्यान न दिहल) – हमरा बात पर बाबू जी कवो कान ना देवे लें।
  19. कान भरल (शिकायत कइल) – चुंगला के कामे होला सभकर कान भरल।
  20. काँट बोअल (अड़चन डालल) – केहु के राह में कांटा ना बोए के चाहीं।
  21. चानी काटल (मौज उड़ावल) – पाँच बरिस नेता लोग खूब चानी काटेला।
  22. झोरा ढोअल (खुशामद कइल) – मोहन नेतवन के झोरा ढो के नेता भऽ गइल।
  23. टाँग अड़ावल (बेमतलब दखल दिहल) – कुछ लोग के आदते होला सब काम में टाँग अड़ावल।
  24. तूती बोलल (खूब चलती भइल) – आजकल सचिन तेन्दुलकर के तूती बोलता।
  25. धूर चटावल (बुरी तरे हरावल) – कारगिल में भारत पाकिस्तान के धूर चटा दिहलस।
  26. तरवा चाटल (खुशामद कइल) – केहू के तरवा चाटल हमरा से देखल ना जाये।
  27. पीठ देखावल (डेरा के भागल) – पीठ देखा के भागल कायरता बा।
  28. पेट में पानी ना पचल (कहला बिना ना रहल) – बहुत लोग कवनो बात सुने ला त ओकरा पेट में पानीए ना पचे।
  29. मुँह में करिखा लागल (बदनाम भइल) – चोरी में पकड़इला पर मुन्ना के मुँह में करिखा लाग गइल।
  30. माटी के मोल (खूब सस्ता) – आलू आजकल माटी के मोल बिकता।
  31. मन हरिआइल (खूब खुश भइल) – लहलहात फसल देख के मन हरिअरा गइल।
  32. मुँह से लार टपकल (लालच भइल) – मिठाई देख के लड़िकन के मुँह से लार टपके लागल।
  33. लाल पीयर भइल (गुस्सा कइल) – बेटा के बीड़ी पियत देख के बाप लाल पियर भ गइलें।
  34. लीप पोत के बराबर कइल (चउपट कइल) – अपना बुड़बकई से सब लीप पोत के बराबर क दिहलें।
  35. तिल के ताड़ कइल (छोट बात के बड़ा बना दिहल) – काकी कवनो बात के तिल के ताड़ क देवे ली।
  36. नाको दम भइल (खूब तंग भइल) – लड़िकन के बदमाशी से नाक में दम आ गइल है।
  37. कान खड़ा भइल (चौकन्ना भइल) – घोड़ा के टाप सुनते चोर के कान खड़ा भ गइल।
  38. गुड़ गोबर भइल (सब चौपट भइल) – भेद खुल गइला से सब गुड़ गोबर भ गइल।
  39. कलेजा फाटल (बहुत दुख भइल) – जवान रंजीत के मुअला देख के हमार कलेजा फाट गइल।
  40. मुँह से फूल झरल (मीठ बोलल) – भउजी बोलेली त लागेला मुँह से फूल झरता।
  41. गरल मुरदा उखारल (पुरान बात पर चर्चा कइल) – गरल मुरदा उखार के झंझट ठीक नइखे।
  42. गोइठा में घीव सुखावल (बेकार खर्च कइल) – सरल गाड़ी के बनवावल गोइठा में धीव सुखावल बा।
  43. नाक भौं सिकोरल (नापसन्द कइल) – बसिया पूड़ी देख के पंडित जी नाक भौं सिकोरे लगलें।
  44. आँख चरबिआइल (घमंड भइल) – धन होते रामपुकार के आँख चरबिया गइल।
  45. ओखरी में मूड़ी दिहल (खतरा मोल लेल) – नक्सलवादी क्षेत्र में गइल ओखरी में मूड़ी दिहल बा।
  46. कुकुर के मउअत मरल (बुरी तरह मरल) – इहे चाल रही त तू कुकुर के मउअत मरब।
  47. आसमान चढ़ल (मन बढ़ल, घमंड कइल) – आजकल लड़िका लोग के मन आसमान चढ़ल रहे ला।
  48. करेजा पर साँप लोटल (डाह भइल) – राजदेव के महल देख के सुशील के करेजा पर साँप लोट गइल।
  49. जान में जान आइल (विपत्ति से छुटकारा मिलल) – पानी में डूबत नॉव जब किनारा लागत त जान में जान आइल।
  50. आँख डबडबाइल (रोआई आइल, दुःख भइल) – रंजीत के हालत देखके आँख डबडबा गइल।
  51. हवाई उड़ल (होश गुम भइल) – पुलिस के देखते चोर के हवाई उड़े लागल।

भोजपुरी मुहावरा

पहिला भाग
दुसरका भाग
तिसरका भाग
चउथा भाग
पांचवा भाग

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