पुरबी के बेताज़ बादशाह: महेंदर मिसिर
कलकत्ता के मशहूर तवायफ सोना बाई गावत रहली।
माया के नगरिया में लागल बा बजरिया, ए सुहागिन सुन हो।
गीत खतम भइल, सब लोग ताली बजावल।
एगो...
जगदीश खेतान जी के लिखल गुड़ भेली आ महिया
गुड़ के नमवे से समझ लेईं कि येमे केतना गुड़ होला।गुड़ मुख्यतः गन्ना के रस से बनेला। गुड़ खजूर के आ ताड़ के पेड़े...
सुनील प्रसाद शाहाबादी जी के लिखल कथाकार मधुकर सिंह एक परिचय
२ जनवरी १९३४ गुलाम भारत के जिला मेदनीपुर बंगाल में जनमल बालक गुलामी के बेड़ी में कsसल भारतीय समाज मे गते गते होशगर होत...
धनन्जय तिवारी के लिखल दहेज़
रात के सब केहू सुते के तैयारी करत रहे की तबहिये, मुरारी जी के मोबाइल के घंटी बाज उठल। सब केहू के अनायास ही...
शशि रंजन मिसिर जी के लिखल देवठान के कहनी
कार्तिक के महिना में हमार आजी रोज भिनसारे दुआर पर शिवाला के कुआं पे नहास, ओहिजे तुलसी जी के दीया बारस आ साथे गीतो...
गौरव सिंह जी के लिखल स्वतंत्र भारत के झांकी
अभी तक हमनी के पहिला अध्याय 'राष्ट्र एकीकरण के चुनौती' के बारे में देखनी जा| एह अध्याय में हमनी के एह बात से अवगत...
शशि रंजन मिसिर जी के लिखल अक्षय नवमी के कथा
अरे महाराज दम धरीं... कथवा त कहबे करब...
बाकी बिना पान सोपाड़ी आ दक्षिणा लेले इ मिसिर बाबा के पोथी के पन्ना ना पलटाई ।
कम...
ध्रुव गुप्त जी के लिखल भाग दलिदर भाग
बिहार और उत्तर प्रदेश के भोजपुरी भाषी क्षेत्र में दीवाली के पहले या बाद में घर से दलिदर भगाने की प्राचीन परंपरा है। गांव...
शशि रंजन मिसिर जी के लिखल गोधन के बहाने
"बड़का भैया मर जास, उधिया जास ! हमार सब भाई मर जा स... कवनो भाई भतीजा के जरुरत नईखे, सब जाना मर-उधिया जास |"
भोरहिं...
लोक आस्था का महापर्व छठ, होती हैं सूर्य की उपासना
महापर्व छठ (Chhath Mahaparva) भगवान सूर्यदेव को समर्पित एक विशेष पर्व है। भारत के कई हिस्सों में खासकर यू.पी. और बिहार में तो इसे...
प्रभाकर पांडेय गोपालपुरिया जी के लिखल की अउर रावन जरि गइल!
हर सालि दसहरा में रावन जरावल जाला पर इ केइसन रावन बा की जरि के भी ना जरे। एक दिन रातिखान सुतत समय हमरी...
धनंजय तिवारी जी के लिखल तिरिया चरितर
"तिरिया चरित्रम्,पुरुषस्य भाग्यम्,दैवो न जानसि"
पंडिताई एगो विशिष्ट ज्ञान ह या ना पर इ एगो मनोविज्ञान जरूर ह, इ सोच पंडित भोला नाथ हमेशा मानेले।...
धनंजय तिवारी जी के लिखल दुसरकी शादी
ऑटो से उतरते अमित के दीदी के फोन आ गईल. दीदी के फेरु उहे रट, कि दुसर शादी क ल. रिश्ता निमन आईल बा....
धनंजय तिवारी जी के लिखल प्रेम धोखो ह
"महाराज प्रेम अउरी तपस्या में का अंतर बा?" हिमालय की चोटी पर कई बरिस तप कर के आईल महाराज कृपालु जी से उहाँ के...
कन्हैया प्रसाद तिवारी रसिक जी के लिखल लोकनी
रमेश के शादी शीला से हो गइल दुनो जाना एके कवलेज में पढ़त रहे लोग देखा देखी होत रहे बाकी दुनो जाना अपना कुल...
भोजपुरी के हजार बरिस : सदानन्द शाही
भोजपुरी के इतिहास हजार बरिस से पुरान हवे। भोजपुरी के लिखित रूप के उदाहरण बहुत पहिले से मिलेला।चौरासी सिद्धन के कविता में भोजपुरी के...
१८५७ के गदर के जनक अमर शहीद मंगल पांडे जी
" एगो बहाना चाहत रहे , करेजा मे धधकत आगि के बहरी निकले खाति बहाना , आगि जवन कई बरिस से धधकत रहे ओह...
भोजपुरी के अनमोल हीरा भिखारी ठाकुर जी के पुण्यतिथि प धनंजय तिवारी जी के...
"आजू भोजपुरी के अनमोल हीरा भिखारी ठाकुर जी के पुण्यतिथि बा, अब हमरा जईसन आदमी खातिर श्रद्धांजलि देबे के सबसे निमन तरीका बा कि...
श्री पी राज सिंह जी के लिखल भिखारी ठाकुर के गाँव से लवट के
आंखो देखा हाल जननायक , महानायक , सास्कृतिक योद्धा अमर रंगकर्मी भिखारी ठाकुर जी के गांव से:
भाषा के अस्मिता ओह भाषा के बोलवाला समुदाय...
भिखारी ठाकुर के वंशज
भिखारी ठाकुर के वंशज : दलसिंगार ठाकुर के दो पुत्र हुए- भिखारी ठाकुर और बहोर ठाकुर. भिखारी के एक ही पुत्र हुए-शिलानाथ ठाकुर. भिखारी...