गणेश नाथ तिवारी जी के लिखल दू गो मइया के गीत

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पहिला गीत

मइँया मोरी अरजी करs स्वीकार,मन के अँगना से
मोरी नइया लगाव पार, मन की अँगना से

मोरे मन,मन मोर आँगन,तोहके हमहू बोलाई
फूल,नारियर,धूप,बाती, मइया रोज चढ़ाई
चुनरी बैजंती माला के सिंगार कराई कंगना से
मइँया मोरी अरजी करs स्वीकार,मन के अँगना से
मोरी नइया लगाव पार, मन की अँगना से

दुष्टन के संघार करेलु बाघवा तोहार सवारी
भक्तन से तू प्यार करेलु धs के भर अँकवार
महिसासुर के मारि के तरलू,ए माई छकना से
मइँया मोरी अरजी करs स्वीकार,मन के अँगना से
मोरी नइया लगाव पार, मन की अँगना से

नव दिन नव दुरगा रूप में होला तोहार पूजा
पूरा जग में नइखे ऐ माई गणेशवा के कोई दूजा
अँखिया तोहार सवारिले ऐ माई अंजना से
मइँया मोरी अरजी करs स्वीकार,मन के अँगना से
मोरी नइया लगाव पार, मन की अँगना से

गणेश नाथ तिवारी जी
गणेश नाथ तिवारी जी

दूसरा गीत

फूल अढ़हुलवा चढ़वनी हs तोहके
मिलल आसीस माई तोहरा से मिलके
दिल में हमरा बस गइलू तू
तारि देलु परेशानी से
गजब के धन बरसवलु ए माई हमरा टुटही पलानी में

छाक अक्षत अउरी धूप चन्दनवा
हमहू पखरनी तोहरी चरनवा
आवेलु नव दिन हमरी सपनवा
आरती उतारी संघे-संघे सजनवा
बन के कृपालु आ गइलू तू
हमरी अंगनवा में छा गइलू तू
चारुओर देखला पs इहे बुझाय
बांच गइनी बइमानी से
गजब के धन बरसवलु ए माई बेटवा के टुटही पलानी में

तोहे पहिराइब माई सोने के कंगनवा
कलसा भराई तोहार हमरी अंगनवा
देले बानी हमहू गणेश के बचनवा
होइ नव दिन माई राउर भजनवा
पूजा से हमरी खुस भइलू तू
अनधन सगरो भर गइलु तू
आसरा बा गुलगुल के तोहसे ऐ माई
माफ करबू गलती नादानी में
गजब के धन बरसवलु ए माई बेटवा के टुटही पलानी में

इहो दे
खीं:
भोजपुरी मुहावरा आउर कहाउत
देहाती गारी आ ओरहन
भोजपुरी शब्द के उल्टा अर्थ वाला शब्द

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