कवि ह्रदयानन्द विशाल जी लिखल नाउ से नोचा जइबअ

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नाउ से नोचा जइबअ
चमार से चोथा जइबअ
धोबी से धोवा जइबअ
बँसफोर से बाँसा जइबअ

मिसिर से मिसा जइबअ
तिवारी से तुरा जइबअ
पटक पटक के काँड़े लगिहें
जब पाँड़े से पकड़ा जइबअ

कोईरी से कुटा जइबअ
कोहाँर से कोड़ा जइबअ
नोनिया से नाथा जइबअ
चतुरबेदी से चरचरा जइबअ

चौबे से चिपरा जइबअ
दुबे से दुबरा जइबअ
राजभर से रागरा जइबअ
सोनार से सइहारा जइबअ

पासी से पासरा जइबअ
लोहार से लासरा जइबअ
तेली से तिलमिला जइबअ
कानो से कनछिया जइबअ

माली से माला जइबअ
मालाह से मछिया जइबअ
ओझा से औतिया जइबअ
दिवेदी से दरकचा जइबअ

बनिया से बउरा जइबअ
गोशाईं से गेलहा जइबअ
मुशहर से मरमरा जइबअ
भाँट से भकभका जइबअ

कमकर से कुतरा जइबअ
गोंड़ से गोभा जइबअ
दाग दिहें गोली राजपुत
भुमिहार त छितरा जइबअ

ह्रदयानंद विशाल कहल
एकही गो बुधी लही जाला
एके बाँस मे सोझ कदी जब
अहिर से अझुरा जइबअ

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