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Tag: भोजपुरी कविता

कइसन गांव-गिरांव हो गइल

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कइसन गांव-गिरांव हो गइल अजबे चलन सुभाव हो गइल। गांव शहर में बदले लागल सिमटे लागल खेतिहर धरती जाने कहां बिलाये लागल जंगल अउरी हरियर...

भोजपुरी भासा हऽ माई के

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भोजपुरी भासा के अस्मिता आ ओकरा संवैधानिक दरजा खातिर आंदोलन जारी बा। एही सिलसिला में केंद्र सरकार से अपना हक के मांग करत भोजपुरिया...

भोजपुरी कविता जब से रोटी बोर खवायल

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जब से रोटी बोर खवायल ओठलाली खूबै महंगायल अब का आलू खेत बोआई सबही चोखा से भरुआयल। रोटी भात न खाये अईली ओरहन बा मउगी के आयल का चाहत बा...

छनही तोला, छनही माशा

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कइसन कइसन चलल तमाशा छनही तोला, छनही माशा || अगराइल लीहले उ तिरंगा दिल करिया बारे मन न चंगा...

भोजपुरी कविता: पटरी ना खाई

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डॉ जीतराम पाठक जी के एगो कविता ********************************** पटरी ना खाई ********************************** अरुआइल बा बात तहार, हटाव फरका, ले अइब एने अब त पटरी ना खाई चूरी-...

अब ना करे मोर मनवा करे के मजूरी

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जनकवि दुर्गेन्द्र अकारी के एगो कविता अब ना करे मोर मनवा करे के मजूरी भोरे जमींदरवा दरवा पियादा पेठावे कान्ह्वा प हरवा कुदारी चढ़ावे कतनो खटीला,...

आजुओ सावन कजराइल

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आजुओ सावन कजराइल, कदमवाँ फुलाइल हो रामा...श्याम नाहीं आइल श्याम नाहीं गोकुल आइल हो रामा...श्याम नाहीं... आजुओ चनरमा वृंदावन आवे पंचम तान कोइलिया सुनावे मथुरा मुरलिया पराइल हो रामा...श्याम...

फेरु बयरिया डोले लागी – श्रद्धानन्द पाण्डेय

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फेरु बयरिया डोले लागी ! फेरु भले अॅधियार गइल बा, दुर्वह मन के भार भइल बा ; जँहवाँ ले लउकत बाटे करिया सगरे संसार भइल बा। लाल किरिनिया झाँकी,...

हमेशा रहल नेह दियना बुताइल

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हमेशा रहल नेह दियना बुताइल, जिनिगिया ई अबले अन्हारे में बीतल। हिया में रहल पीर अँखियनि में पानी, न जियरा के केहू सकल सुनि कहानी, न ओठनि प...

बुद्धायन

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बन्दौ शाक्य कुमार, जाहि जन्म संवाद सुनि। उमड़ल हर्ष अपार, शुद्धोदन सम्राट उर ॥ 1 ॥ कीन्ह दान परमार्थ, अन्न, वस्त्र, धन, सोमरस। नामकरण सिद्धार्थ, गौतम घर-परिवार...

ई प्यार जिन्दगी के

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ई प्यार जिन्दगी के कतना मधुर भला बा मनुहार जिन्दगी के सौरभ भरल दिशा बा ई चाँदनी निशा बा उमगल उमंग से बा ई धार जिन्दगी के ई जिन्दगी समर्पण कतना पवित्र...

भोजपुरी कविता : पडोसी

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दुःख: के दरियाव में जे बनत रहे पतवार खेवनिहार आजू का भइल ओह बेवहार में बुझाते नइखे हमार पडोसी अब चिन्हाते नइखे लागत बा...

भोजपुरी के कविता “हँसी”

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हँसल नीक ह दवाई ह ना जानी जे केतना बेमारी हंसले से ठीक हो जाला जैसे सुरुज के हंसले भाग जाला अंधरिया चनरमा के हंसले फइल जाला अंजोरिया तना जाला रेशमी चादर...

हमहुँ सम्मानित होखब

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मिर्जा खोंच के एगो भोजपुरी व्यंग्य "हमहुँ सम्मानित होखब" कविता में हम छींकब सगरो कविता में हम खोंखब लाग रहल बा तब जाके हमहूँ सम्मानित...

नाम चम्पवा खुशबु के पते ना

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नाम चम्पवा खुशबु के पते ना .... ढेर बा लोग अइसन आन्हर चारु ओरि छितराइल चेला चमचा बा ढेर उनका पीछे बोटरालइल जे उ बोली...

चंदा

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चंदा चंदा चंदा कवनो लइकी के नाम ह चंदा त कबहीं आकाश के पिंड ह चंदा बाकिर आज चंदा के ई दुनु अरथ बदल गइल बा अब चंदा के...

इतराइल बा

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उ ओतने में इतराइल बा पीएच- डी कर के आइल बा हम साँच बात जे कह देनी ऊ हमरा से खिसिआइल बा भऊजइया ...

भोजपुरी कविता – गरमी

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गरमी बेसरमी ह निदरदी ह सुखा देला / ताल तलैया के पानी हरियाली के निसानी फुलवान के जवानी बादल के कहानी / चोरा ले ला / कहीं ना लउके ला...

पंद्रह अगस्त आ रहल बा

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पंद्रह अगस्त आ रहल बा। चारू ओर एकर तइयारी जोर-सोर से सुरु हो गइल बा। पर इ देस के दुर्भाग्य बा की हमनी जान...

मोछि मुरेरत आँखि घुरेरत

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मोछि मुरेरत आँखि घुरेरत पापी के केहु निरेखत नाहीँ। ताकत बा हमहीँ के सबै, ओकरे ओरियाँ केहु देखत नाहीँ सासु जेठानी खङी देवरानी, दुसासन के केहु...