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तैयब हुसैन पीड़ित जी के लिखल भोजपुरी कविता संग्रह अनसोहातो

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अनसोहातो शब्द के 'अ' से साइत हिंदी के अकविता भा अंग्रेज़ी के नास्टेल्जिया के बोध होय, एह से जरूरी लागता की अइसन भाव के...

डॉ॰ ब्रज भूषण मिश्र जी के लिखल भोजपुरी गज़ल संग्रह अचके...

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हमार अबहीं तक कवनो स्वतंत्र काव्य-संग्रह ना आइल रहल ह। सन १६८२ में दू-रंग नाम से श्री विपिन बिहारी चौधरी जी संगे संयुक्त काव्य-संकलन...

देवेन्द्र कुमार राय जी के लिखल तीन गो भोजपुरी गीत आ...

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महंगाई महंगाई अईसन कईले बा बेहाल कि नुन रोटी हो गईल मोहाल। माई के दूध सुखल बचवा के अतडी़ हमरा कमासुत के झुरा गईल गतरी, आगे बुझात नईखे होई...

शैलजा कुमारी श्रीवास्तव जी के भोजपुरी में लिखल कथा कादम्बरी

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एह ग्रन्थ के विदुषी लेखिका श्रीमती शैलजा कुमारी श्रीवास्तव ३१ दिसंबर १९८९ के दिवंगत हो गइली। ओहि साल, उनका निधन से कुछ महीना पाहिले...

गंगा प्रसाद ‘अरुण’ जी के लिखल भोजपुरी गीत संग्रह हहरत हियरा

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गंगा प्रसाद 'अरुण' जी के 'आपन बात' ली, हमार पहिला प्रयास रउरा सभे के सामने बा। संगी साथी लोग के आग्रह अनुग्रह से एह गीत...

सुनील प्रसाद शाहाबादी जी के लिखल गाँव के झुमकी

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नाम ओकर झुमकी रहे गाँव मे चमर टोली के अँजोरिया,भगवान के गढ़ल सुंदर कृति बारहवीं में जिला भर में टाप कइला के बाद सउँसे...

विमल कुमार जी के लिखल चिपकाउ बिकाउ नेता

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कुरसी में चिपकाउ भइले नेता सभ बिकाउ भइले। कुरसी के तोल मोल करेले गुना भाग खूब जोड़ करेले। जितला प उ ताल ठोकले जनता के देख नाक...

विमल कुमार जी के लिखल कहाँ गइल आँगन अंगनईया

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सभे चाहे एकल परिवार संयुक्त परिवार दिल में दरार दुआरा के भइल बंटाधार देख के हमरा होखला मलाल सुनर दुआरा केहु ना खिवैया कहाँ गइल आँगन...

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल बेटी बिना जियल अपमान लागेला

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जइसे चंदा बिना सून आसमान लागेला ओइसे बेटी बिना जीवन सुनसान लागेला । बेटी देबी, बेटी दुरगा, बेटी कालीमाई मीरा, सीता, गीता बेटी, बेटी लछमीबाई, जइसे गुड़ बिना...

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भजो रे मन हरे हरे

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नियरे बा फेन से चुनाव भजो रे मन हरे हरे । कौअन के होइ काँव काँव भजो रे मन हरे हरे॥ पाँच साल पर साजन अइहें गेंदा फूल गले...

धनंजय तिवारी जी के लिखल तिरिया चरितर

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"तिरिया चरित्रम्,पुरुषस्य भाग्यम्,दैवो न जानसि" पंडिताई एगो विशिष्ट ज्ञान ह या ना पर इ एगो मनोविज्ञान जरूर ह, इ सोच पंडित भोला नाथ हमेशा मानेले।...

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल अइसन करिह जनि नादानी

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गउआँ छोड़ि शहर जनि जइह होइ ख़तम निशानी जवानी खपि जाइ बचवा, अइसन करिह जनि नादानी जवानी खपि जाइ बचवा I खेत छुटि खरिहान छुटि आ छूटिहें बाबू माई, अंगना दुअरा...

जगदीश खेतान जी के लिखल भोजपुरी कविता कबले होब फेल

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बबुआ तू कबले होब फेल? का कहीं बहुत तोहका झेललीं, अब हम ना पाईब तोहें झेल। कइसे पढबऽ कबले पढब्ऽ। का-का पढबऽ ई समझा दऽ डागडर बनब कि...

जगदीश खेतान जी के लिखल भोजपुरी कहानी आंख

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प्रयाग विश्वविदयालय यूनियन पत्रिका 1962 मे हिंदी मे प्रकाशित कहानी का भोजपुरी अनुवाद।। हम येगो आन्हर मंगन हईं जे आपन पेट जियावे खातीर...

कन्हैया प्रसाद तिवारी रसिक जी के लिखल भोजपुरी कहानी लोहा बाबा

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ए लोहा बाबा काल्ह सुमितरी खातिर लइका देखे जायेके बा रउआ चलेम नु रामदेयाल कहलन। लोहा बाबा कान पो जनेव चढ़वले लोटा लेके खेत...

जिनगी के परछाहीं – भोजपुरी कहानी संग्रह

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कथा कहानी कवनो नावतुंग चीझ ना ह। आदमी जवन जी रहल बा, भोग रहल बा कहानी ओही मे से जनमेले। जिनगी हर छन एगो...

जगदीश खेतान जी के लिखल सरस्वती बंदना

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कई देतीं हमरो उद्धार ये सुरसती माई। रोई रोई करीलां मनुहार ये सुरसती माई। रउवा रामबोला के तुलसीदास बनवलीं अमर ग्रन्थ रामचरित मानस लिखवइलीं निपट गंवारे के कालीदास...

कपिल पांडेय जी के लिखल भोजपुरी दोहा संग्रह जीभ बेचारी का...

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भोजपुरी दोहा संग्रह जीभ बेचारी का कही के लेखक के कलम से पिछला कुछ साल से भोजपुरी में दोहा खूबे लिखा-छपा रहल बा। भोजपुरी के...

शारदानन्द प्रसाद जी के लिखल भोजपुरी किताब खेल खेलाड़ी आ ओकर...

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भोजपुरी किताब खेल खेलाड़ी आ ओकर बोल के लेखक शारदानन्द प्रसाद के ओर से भोजपुरी बिहार आ उत्तर प्रदेश के सम्मिलित ऊ क्षेत्र ह, जहवां...

भोजपुरी साहित्य में हास्य-व्यंग्य

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नूनों आ मरिचा के साथे खाके पेट भरल जा सकऽता आ छतीसो व्यंजन आ छपनों परकारो के साथे। बाकिर नून-मरिचा के साथे खाके खाली...