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डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल कुछ भोजपुरी रचना

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परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, आई पढ़ल जाव हरेश्वर राय जी के लिखल जी के लिखल कुछ रचना ,...

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल कुछ भोजपुरी गजल

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परनाम ! स्वागत बा राउर जोगीरा डॉट कॉम प, रउवा सब के सोझा बा डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी गजल, पढ़ीं आ...

डॉ. हरेश्वर राय जी के कुछ बेहतरीन भोजपुरी रचना

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काहे मारेल मुसुकिया तू अइसन जनमार काहे मारेल मुसुकिया तू अइसन जनमार कइल हियरा में हमरा दरारे-दरार I मिलब त तोहके बताइब संघतिया मुंहवा में तहरा लगाइब भभूतिया तहरा...

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी कविता आइ हो दादा

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सपना देखनीं भोरहरिया आइ हो दादा, मुखिया हो गइल मोर मेहरिया आइ हो दादा । हमरा दुअरा उमड़ रहल बा सउँसे गाँव जवार, लाग रहल बा देवीजी के नारा बारम्बार, डीजे बाजता...

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल अँखियन के आकाश सूना हो...

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अँखियन के आकाश सूना हो गइल | सब तारा भइलन स खेत सपना सब भइलन स रेत पंखियन के परिहास चूना हो गइल | खेतवन प पाला पड़ल पेटवन प भाला...

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी कविता हमार जान ह...

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हमार सान ह हमार पहचान ह भोजपुरी, हमार मतारी ह हमार जान ह भोजपुरी| इहे ह खेत, इहे खरिहान ह इहे ह सोखा, इहे सिवान ह, हमार सुरुज ह हमार चान...

हरेश्वर राय जी के लिखल लूटीं लूट मचल बा

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लूटीं लूट मचल बा सगरो लूटीं लूट मचल बा। बाढ़ लूटीं, सूखा लूटीं राहत के लूटीं मिठाई, भूख लूटीं, पियास लूटीं लूटीं थोड़की महंगाई। वोट लूटीं, नोट लूटीं लूटीं चकाचक नारा, रैली...

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल बेटी बिना जियल अपमान लागेला

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जइसे चंदा बिना सून आसमान लागेला ओइसे बेटी बिना जीवन सुनसान लागेला । बेटी देबी, बेटी दुरगा, बेटी कालीमाई मीरा, सीता, गीता बेटी, बेटी लछमीबाई, जइसे गुड़ बिना...

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भजो रे मन हरे हरे

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नियरे बा फेन से चुनाव भजो रे मन हरे हरे । कौअन के होइ काँव काँव भजो रे मन हरे हरे॥ पाँच साल पर साजन अइहें गेंदा फूल गले...

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल भोजपुरी कविता आवले बोलता नयका...

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हर के कलम से धरती के कागज प पसीना के सियाही से जीवन उकेरे ला किसान बाकिर ओकरे घटल रहता चाउर पिसान। ओकरे पसीना अतना सस्ता काहे बा ओकरे हालत अतना खस्ता काहे...

डॉ. हरेश्वर राय जी के लिखल अइसन करिह जनि नादानी

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गउआँ छोड़ि शहर जनि जइह होइ ख़तम निशानी जवानी खपि जाइ बचवा, अइसन करिह जनि नादानी जवानी खपि जाइ बचवा I खेत छुटि खरिहान छुटि आ छूटिहें बाबू माई, अंगना दुअरा...

हरेश्वर राय जी के लिखल तीन गो भोजपुरी गीत

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मन उदास बा सुक्खल नदी जस मन उदास बा । चाँद जस आस में लागल बा गरहन, सपना के पाँखी प घाव भइल बड़हन, डेगे डेग पसरल खाली पियास बा। आँखी के बागी...