भोजपुरी लोकोक्ति और अर्थ : तिसरका भाग

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लोकोक्ति सामान्य व्यवहार में संक्षिप्त आ गंभीर उक्ति ह। संक्षिप्त आ लोकप्रिय उक्ति के जे कल्पित सत्य आ नैतिक शिक्षा देवे ला लोकोक्ति कहल जाला लोकोक्ति में शब्दावली आ वाक्य विन्यास अधिकांशत: बोलचाल के वास्तविक आ व्यवहारिक भाषा पर आधारित होला। एकर भाषा लयात्मक होला। एह में सामान्य अर्थ का अलावे व्यंग्या होला।

भोजपुरी लोकोक्ति और अर्थ : तिसरका भाग
भोजपुरी लोकोक्ति और अर्थ : तिसरका भाग

भोजपुरी भाषी लोग शुरूए से घुमक्कड़ प्रकृति के रहल बा एह से जहवाँ-जहवाँ गइल उहवाँ कुछ लेलक आ कुछ देलक। लोग आपन सोंचल विचारल उक्ति के लोकोक्ति के रूप में सगरो बिखेर दिहलस। एह में भोजपुरी के कुछ चुनल लोकोक्ति के अर्थ सहित समेट के राखल गइल बा।

भोजपुरी लोकोक्ति :

  1. चिरईं के जान जाय लड़िका के खेलौना – केहू के दुख देख के केहू के मजा आवे
  2. अनका धन पर विक्रम राजा – दोसरा का धन पर धमंड कइल
  3. जवना थरिया में खाय ओहि में छेद करे – जे भलाई करे ओकरे हानि पहुँचावल
  4. एक त करइला अपने तीत दूजे चढ़ल नीम पर – कवनो खराब के आउरी खराब के संगत
  5. गोदी में लडिका भर गाँव ढिढोरा – कवनो चीज नीयरे रहे आ जेने-तेने खोजत फिरे
  6. थान हारब त हारब बाकिर गज ना फारब – थोरका लाभ ला अधिका गमावल, जिद्द के कारण अधिका घाटा
  7. अन्हरा का आगा रोअल आपन दीदा खोअल – मूर्ख के कुछ कहल आपन इज्जत गॅवावल
  8. बानर का हाथे नारियर – अयोग्य हाथ में नीमनो चीज के मोल ना होता
  9. जेतना के बबुआ ना ओतना के झुनझुना – कवनो चीज ला अधिका लागत लगावल भा मेहनत कइल
  10. छुछुदर के मुड़ी में चमेली के तेल – कुपातर के मूड़ी पर ताज
  11. सब धान साढ़े बाइसे पसेरी – सब चीज के मोल बराबर लगावल
  12. जहवाँ बड़-बड़ ढोल तहवाँ टिमकी के का मोल – बड़-बड़ का आगा छोट के पूछ ना होला
  13. चोर सहे अँजोर ? – अपराधी भीतरा से कमजोर होला
  14. जहाँ गाछ ना बिरिछ उहाँ रेंड पुरधान – अभाव में छोट चीज भी प्रधान हो जाला
  15. भल मरल भल पिलुआ परल – कवनो काम तुरते ना होला
  16. अपना घरे बिलइओ बाघ – अपना दुआर पर कमजोरो बलवान हो जाला
  17. हड़बड़ी के बिआह कनपट्टी में सेनूर – जल्दीबाजी के काम सही ना होखे
  18. चलनी दूसनल सूप के जेकरा अपने बहत्तर गो छेदजेकरा में ढेर अवगुण होखे दोसर के अवगुण खोजे
  19. आगा नाथ ना पाछा पगहा – जेकरा कवनो अवलम्व ना होखे
  20. गाछे कटहर ओठे तेल – समय का पहिले उमेद
  21. पानी में मछरी नौ-नौ कुटिया बखरा – मिलला के पहिलहीं बखरा लगावल
  22. हँसुआ के बियाह में खुरपी के गीत – अनर्गल बात बोलल

भोजपुरी लोकोक्ति पहिला भाग
भोजपुरी लोकोक्ति दुसरका भाग

—-अगिला भाग जल्दिये आयी, इंतजार करी सभे—-

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